आसरा तकते रहने से तो निराशा ही हाथ लगती है।
तुम हँसोगे तो दुनिया साथ देगी, किन्तु यदि रोने लगे तो देखोगे कि उस वजन को अकेले ही उठाना पड़ रहा है।