माली की तरह जियो जिसके प्रयास की चर्चा खिलते पुष्प हवा में फैलायें।
आवेश में एक बार आदमी कुछ भी कर सकता है, किंतु निरंतर छोटे-बड़े कामों में आदर्शों का समावेश रखे रहना मात्र सिद्धान्तवादियों का काम है।