गवान समुद्र की तरह एक है। देवताओं और नाम रूपों की भिन्नता शत्र उसमें उठने वाली तरंगों की तरह हैं।
नीचा गिराने के लिए निरंतर गतिशील पक्षी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति ही पर्याप्त है। ऊँचा उठना हो तो बलिष्ठ पंखों और साधनों का अवलंबन आवश्यक है।