प्रसन्नता अन्तःकरण की परिष्कृतता का चिह्न है। खिन्नता बिगड़े बच्चों के मचलने जैसी आदत।
दुष्टों का वैभव पढ़ते देखकर ललचाओ मत। वे गुब्बारे की तरह फूलते और बबूले की तरह फूटते रहते है।
अनीति सहन करते रहने की अपेक्षा उससे लड़ते हुए मर जाना अच्छा।