संसार भव-बंधन नहीं और न ही माया जाल है। वह सृष्टा की सर्वोत्तम कलाकृति है उसमें सत् चित् और आनन्द भरा पड़ा है।
अपनी राह आप बनाएँ, ताकि सफलता के लक्ष्य तक पहुँचें।