शरीर को देखकर मनुष्य होना पहचाना जाता है और भावना देख कर उसका दैत्य या देवता होना।
तुम्हें दया और सेवा करने के लिए भेजा गया है। सताने और छीनने के लिए नहीं।
सभ्य समाज में जाते समय पहनने की सबसे बढ़िया पोशाक है-खुशी और मुसकान है।