जो पराक्रम नहीं कर पाते, वे उपदेश देने का धंधा पकड़ते हैं।
स्वर्ग और नर्क अपने घर में ही देखना चाहो तो मुसकान में स्वर्ग उतरना और विग्रह के साथ जुड़ा हुआ नरक कभी भी प्रत्यक्ष देख लें।
वक्ता वह नहीं जो धड़ल्ले के साथ बहुत शब्द बोलता चला जाता है, वरन् वह है-जो अनुभव और विश्वास के साथ बोलता हैं।