ईश्वर विश्वास का फलितार्थ है-आत्मविश्वास और सदाशयता के सत्परिणामों पर भरोसा।
प्रसन्नता वसंत की तरह है जिसके आगमन पर हृदय की कलियाँ खिले फूल की तरह हँस पड़ती है।
अश्लील चिन्तन और लोलुप दृष्टिकोण मानसिक व्यभिचार है।