पुण्य असंगठित रहता है। इसलिए समर्थ होते हुए भी वह असमर्थता का त्रास सहता एक जुट हो कर आक्रमण करता है इसलिए वह असमर्थ होते हुए भी बाजी मार ले जाता है।