अनाड़ी को समझाना आसान है। ज्ञानवान को समझाना और भी आसान है पर जो अहंकार में इठा फिरता है उसे कुछ भी समझाना कठिन है।
क्रान्तियाँ तलवारों से नहीं आदर्शों से होती हैं। जो मात्र तलवार से पायी जाती हैं। चह तलवार से छिन भी जाती हैं।
जीवन का लक्ष्य है- आन्तरिक परिशोधन, साहस और परमार्थ। जो उन्हें पकड़े रहता है वह मार्ग से भटकता नहीं।