महान सम्भावना में अपनी भागीदारी

September 1986

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संसार में अनेक भविष्यवक्ता हुए हैं, पर वे व्यक्तियों के निजी हानि-लाभ का ही विवरण बताते रहे हैं। जिनने विश्व की राजनैतिक स्थिति पर विचार किया हो या अभिमत प्रकट किया हो, ऐसा उदाहरण फ्राँस के नास्ट्रॉडामस के अतिरिक्त और किसी का नहीं दीखता।

उन्हें यह प्रतिभा जन्मजात रूप से प्राप्त थी। शिक्षा, संपर्क, विचार-विनिमय, परिभ्रमण आदि से उनका हल्का-सा ही संबंध रहा। न वे अपने को योगी कहते, न ताँत्रिक, ज्योतिषी। अपनी ही धुन में मस्त रहते थे। मिलनसार भी न थे, इसलिए कोई-कोई उन्हें बावला तक कह बैठते थे।

यह रहस्यवादी फ्राँसीसी अब से कोई 500 वर्ष पूर्व जन्मा था। उस समय का भूगोल, इतिहास, प्रभाव प्रचलन-प्रवाह कुछ दूसरे ही ढंग का था। आज की परिस्थितियों का उस समय के साथ बहुत कम तालमेल बैठता है, तो भी उनकी भविष्यवाणियाँ संसार भर में भारी दिलचस्पी का कारण बनी हुई हैं।

उनने अपनी भविष्यवाणियाँ सन् 1555 में लिखी। वे छन्दबद्ध रहस्यमयी साँकेतिक शैली में हैं।

विश्वराजनीति में दिलचस्पी रखने वाले उनकी पुस्तक को असाधारण महत्व इसलिए देते हैं कि अब तक के संबंधित समय की प्रायः 800 भविष्यवाणियाँ अक्षरशः सही सिद्ध हो चुकी हैं। यह बात सन् 2000 तक के संबंध में कहीं जा रही हैं। यों उनकी पुस्तक में सन् 3800 तक के घटनाक्रमों पर प्रकाश डाला गया है।

उनकी लिखी पुस्तक का नाम है “सेंचुरीज”। वह किसी कूड़े-कबाड़ में से एक छात्रा ने ढूँढ़ निकाली थीं, पर जब उसके प्रसंगों और बीते विवरणों पर ध्यान दिया गया तो उसका महत्व आंका गया और उसे मुद्दतों बाद इस योग्य समझा गया कि इसे छापा भी जाना चाहिए। एक जगह छपी तो उसके चमत्कारी प्रसंगों ने अनेकों का ध्यान आकर्षित किया और उसकी अनेक भाषाओं में अनुवादित प्रतियाँ छपीं।

सबसे प्रथम उसका प्रकाशन सन् 1655 ए.डी. में हुआ। तब से ही लकड़ी के ठप्पों पर पुस्तकें छपती थीं। उसकी दो प्रतियाँ अभी फ्रेंच नेशनल लाइब्रेरी में सुरक्षित रखी हैं। इसके बाद तो वह अपनी लोकप्रियता के कारण संसार भर का ध्यान खींचती रही और अनेक देश तथा अनेक भाषाओं में छपती रही।

सन् 1672 में उसका प्रथम अंग्रेजी अनुवाद थियोडोर कम्पनी ने छापा। दूसरा अनुवाद एक पादरी द्वारा 1715 में छापा। चार्ल्सवार्ड ने उसका अगला संस्करण 1891 में छापा। इसके बाद अमेरिका की माडर्न लाइब्रेरी द्वारा इसका संस्करण ऐसी टिप्पणियों समेत छपा, जिसमें उलझनों को सुझाने वाली टिप्पणियों की भरमार थी।


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