किसान ने कहा- आवाज और पानी का अटूट संबंध है। ऐसा नहीं हो सकता कि आवाज तो बंद हो जाय पर पानी चलता रहे। आप घोड़े को सधाइए कि वह आवाज रहते हुए भी पानी पी सके।
सवार ने वैसा ही किया। खींच-तान करने पर घोड़े ने पानी पी लिया। सवार रास्ते भर यही सोचता रहा। झंझटों के चलते रहने पर भी संतुलन बनाये रखना और कठिनाइयों के साथ तालमेल बिठाने की नीति ही सही और व्यावहारिक है।