Quotation

February 1999

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प्रार्थना विश्वास की प्रतिध्वनि है। रथ के पहियों में जितना अधिक भार होता है, उतना ही गहरा निशान वे धरती में बना देते हैं। प्रार्थना की रेखाएँ लक्ष्य तक दौड़ी जाती हैं और मनोवाँछित सफलता खींच लाती हैं। विश्वास जितना उत्कृष्ट होगा, परिणाम भी उतने ही सत्वर और प्रभावशाली होंगे।

प्रार्थना आत्मा की आध्यात्मिक भूख है। शरीर की भूख अन्न से मिटती है, इससे शरीर को शक्ति मिलती है। उसी तरह आत्मा की आकुलता को मिटाने और उसमें बल भर की सत्य-साधना परमात्मा की ध्यान-आराधना ही है।


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