पहले अपना बुरा (kahani)

February 1993

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एक राजा के राज्य में एक नदी बहती थी। जो आगे चल कर दूसरे राजा के राज्य में जाती थी।

पहले राजा ने कई जगह बाँध बनवा रखे थे ताकि खेतों को पहुँचता रहे। फिर भी अगले राजा के राज्य में भी नदी का पानी पहुँचता ही था पहला राजा बड़ा ईर्ष्यालु था। उसने हुक्म दिया कि अपनी नदी का एक बूँद भी पानी पड़ोसी राज्य में न जाने पाये इसके लिए ऊँचे-ऊँचे बाँध बना दिये जाँय।

इस प्रकार दूसरे राजा के राज्य में सूखा की स्थिति बन गई पहले राजा के राज्य में रुका पानी इतना अधिक जमा हो गया कि जिससे सारी जमीन डूब गई। मकान भी बैठ गये।

जो दूसरों का बुरा चाहता है उसका पहले अपना बुरा होता है।

*समाप्त*


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