VigyapanSuchana

February 1993

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स्टाक होम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इन्स्टीट्यूट द्वारा संग्रहित आँकड़ों से प्रकट होता है कि इन दिनों युद्ध की तैयारी पर समस्त संसार में जो धन व्यय हो रहा है, वह इतना अधिक है, कि उतने भर से समस्त संसार की स्थिति बदल देने वाली सृजन योजनाएँ पूरी की जा सके। इन दिनों हर वर्ष प्रायः 5000 अरब रुपया युद्ध आयुधों पर खर्च होता है। पिछले 30 वर्षों में यह व्यय 173 गुना अधिक बढ़ा है। विनाश साधनों की अभिवृद्धि में उसको भी विराम नहीं लगा है, वह दिन दूना रात चौगुना बढ़ रहा है।

दूसरी ओर निर्धन और पिछड़े देशों की स्थिति है कि जिसमें जीवनोपयोगी सुविधाओं के अभाव में बेमौत मरने वाले में 50 करोड़ व्यक्ति होते हैं, जिनमें से 30 करोड़ तो 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चे ही होते है। युद्ध की तैयारी में खर्च होने वाला धन यदि तीन चौथाई पिछड़े जन-समुदाय की रोजी और शिक्षा-चिकित्सा जैसे साधन प्रदान, करने पर लग सका होता तो दुनिया का नक्शा कुछ दूसरी ही तरह का होता।


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