Quotation

February 1993

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

जिसने दुख नहीं सहा वह सुख का मिठास क्या जानें। जो रोया नहीं उससे हँसना भी न आएगा। जिसने हार-जीत नहीं देखी उसे पुरुषार्थ का महत्व कैसे मालूम होगा। जिसे संदेह करना नहीं आता वह सही चिन्तन भी न कर सकेगा।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles