मिल बाँट कर खाने का आनंद (kahani)

May 1987

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उस दिन ईसा शिष्य मण्डली समेत किसी प्रचार यात्रा पर जा रहे थे। रात्रि हो गई। भोजन का सुयोग न बना। ईसा ने कहा-तुम सब के पास जो है इकट्ठा कर लो और उसी से मिल बाँट कर काम चलाओ।

पाँच रोटी इकट्ठी हुई। मिल बाँटकर खाई गई। हिस्से में आधी-आधी भी न आई। तो भी सब को पेट भर गया। सोलोमन ने पूछा-महाप्रभु यह कैसा आश्चर्य? इतने कम में इतनी तृप्ति कैसे?

ईसा ने कहा-यह मिल बाँट कर खाने का चमत्कार है।


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