तपाने से ही मिट्टी के बर्तन पकते और मजबूत होते हैं। धातुएँ भट्ठी में शोधी जाती हैं। पानी को भाप में उबालने से शक्तिशाली भाप बनती और रेल के इंजन तक चलाती है। बहुमूल्य रस भस्में अग्नि संस्कार से ही बनती हैं। अण्डा गर्मी में पकता है। सुपाच्य भोजन बनाने के लिए चूल्हा गरम करना पड़ता है। मनुष्य को संचित कुसंस्कारों को जलाना और प्रखरता उत्पन्न करने के लिए तपश्चर्या का आश्रय लेना पड़ता है। मनोबल बढ़ाने के लिए इस उपचार की अनिवार्य आवश्यकता पड़ती है।