विद्वान लेखक जॉन सी. टेलर कहते हैं कि औद्योगीकरण हरीतिमा का उन्मूलन तथा प्रकृति के अंधाधुन्ध दोहन से पृथ्वी के वातावरण में ऊपर मीलों तक विषाक्त गैसें घनीभूत हो गयी हैं । कार्बनडाइ आक्साइड गर्मी को ट्रप करने जकड़ने में एक सफल गैस है, उसकी मात्रा तेजी से वायुमंडल में बढ़ती जा रही है । “नासा “ शोध संस्थान के विशेषज्ञों का मत ‘साइंस’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है कि 1986 के अंत तक वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा 365 भाग प्रति दस लाख कण तक पहुँच गयी थी । सन् 1987 के अंत तक वह बढ़कर डेढ़ गुनी हो गयी है । इससे पूरी धरती का तापक्रम साढ़े चार डिग्री से 8 डिग्री फारेनहाइट तक बढ़ गया है । ध्रुवों पर असामान्य परिस्थितियाँ पैदा करने में उस की महत्वपूर्ण भूमिका है ।