तेज रोशनी के बिना (Kahani)

February 1992

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किसी ग्रह नक्षत्र की उलटी पुलटी छाया पड़ने पर पृथ्वी के एक क्षेत्र की स्थिति अजीब हो जाती है। वहाँ दिन में अँधेरा छाया रहता है, जिससे अच्छी खासी आँखों से भी कुछ दिख सकना सम्भव नहीं होता।

उन्हीं आँखों से रात्रि में देखा जाय तो काम चलाऊ प्रकाश अपने आप उत्पन्न हो जाता है और लोग बिना दीपक के भी सामान्य काम काज भली प्रकार करने लगते है? प्रकाश तभी जलाते हैं जब तेज रोशनी के बिना कोई काम रुकता है।


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