अपनी कमाई पर गुजारा (Kahani)

January 1992

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जापानी लड़कों को लेकर एक बस उन्हें पहाड़ी दृश्य दिखाने ले गई। पहाड़ी तीन मील ऊँची थी। बस नीचे ही छोड़नी पड़ी। चढ़ाई पैदल कर दी।

बस को नीचे ही छोड़ दिया गया ड्राइवर मार्गदर्शक के रूप में लड़कों के साथ था। बिना रखवाली बस सामान समेत एकाकी खड़ी थी।

किसी दूसरे यात्री ने यह दृश्य देखा लड़के लौटे तो उनसे पूछा-बस को सूना क्यों छोड़ दिया गया। इसमें खुले पड़े सामान की चोरी हो सकती थी।

लड़कों ने कहा। हमारे देश में चोरी नहीं होती। सभी अपनी कमाई पर गुजारा करने का सिद्धान्त अपना चुके है।

*समाप्त*


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