अब्दुल गफफारखाँ (Kahani)

January 1992

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बात बंगाल के कुमिल्ला जिले की है। एक अतिथि के स्वागत में तरह-तरह के मिष्ठान व पकवान बनवाये गए। माननीय अतिथि भोजन के लिये बैठे और उतने प्रकार के तरह-तरह के भोजन देखते ही बोले “जिस देश में हजारों लोगों को एक समय भोजन मिलता हो वहाँ ऐसा भोजन करने का किसी को अधिकार नहीं।” अतिथि थे सीमान्त गाँधी खान अब्दुल गफफारखाँ।


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