आकाश को मुट्ठियों से न मारो, भूसा कूटकर तेल न निकालो, बालू के महल न बनाओ और पानी मथकर घी मिलने की आशा न करो । कुकर्मों के सहारे उन्नतिशील बनने की योजना न बनाओ ।