एक बुढ़िया सूत कातकर हाट में बेचने ले जाया करती थी। वजन उसका अधिक बैठे इसके लिए यह चतुरता करती कि उसमें पानी छिड़क ले जाती।
खरीदार बनिया भी बहुत चतुर था। उसके तराजू में बाट वाले पलड़े में वजनदार गाँठ बाँध रखी थी कि उस उपाय से अधिक माल लिया जा सके।
कोई अपने में प्रसन्न हो ले और सोच ले कि दूसरे को ठग कर लाभ उठा लिया गया। पर वैसा कोई भी नहीं कर पाता था।