हो सकता है कि किसी को कार्य करने पर भी आनन्द न मिले। पर इतना निश्चित है कि आनन्द उसी को मिला है जिसने कर्तव्य मार्ग पर चलते रहने का निश्चय किया।
हार्ज नामक जर्मनी के उत्तर में स्थित पर्वत शृंखला में एक ऐसा झरना है, जो समय-समय पर अपना रंग बदलता रहता है। कुछ समय इससे निकलने वाले पानी का रंग लाल होता है, तो कुछ समय बाद बदल कर काला, फिर नीला, तत्पश्चात पुनः लाल हो जाता है। इससे निकलने वाला जल इतना गर्म होता है कि शरीर पर पड़ने से फफोले हो जाते हैं। इसका यह स्वभाव तो समझ में आता है पर गिरगिट की तरह यह रंग किस रासायनिक प्रक्रिया के कारण बदलता है यह समझ से परे है।
वस्तुतः जो हमें ज्ञात नहीं है व विचित्र-विलक्षण जान पड़ता है, उसके मूल में उस कुशल कलाकार की, सृजेता की विविधता से भरी संरचना है। यदि उस विराट स्तर पर दृश्यमान विलक्षणता से ही हमें उस विराट, अचिंत्य, अगम्य का साक्षात्कार हो सके तो जीवन लक्ष्य पूरा हो जाए।