गायत्री मंत्र द्वारा विश्व को उत्पन्न करने वाले परमात्मा को जो उत्तम तेज है, उसका ध्यान करने से बुद्धि की मलीनता दूर होती है और धर्माचरण में श्रद्धा ओर योग्यता उत्पन्न होती है।
-महर्षि दयानंद सरस्वती