युग परिवर्तन अब दूर नहीं

March 1987

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सूक्ष्मीकरण द्वारा सूत्र संचालक के लघु से विराट् में परिणत हुए रूप का दर्शन सभी परिजन अपने-अपने क्षेत्रों में, महायज्ञों के आयोजन में कर रहे हैं। “धियो योनः प्रचोदयात्” एवं “अग्नि नये सुपथा रायै” के गगन भेदी उद्घोष बताते हैं कि दुर्मतिजन्य विपन्नताएँ मिट कर रहेंगी एवं चारों ओर सत्प्रवृत्तियों का साम्राज्य छाकर रहेगा।

कटिहार (बिहार) में दो मील लम्बी भव्य जल कलश यात्रा की शुरुआत के साथ शुरू हुये 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ ने समूचे क्षेत्र को युग चेतना से अनुप्रमाणित कर दिया। जल कलश यात्रा के आकर्षण ने लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया।

राष्ट्रीय एकता सम्मेलन को लोक सभा सदस्य श्री तारिक अनवर ने संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे धार्मिक आयोजनों के माध्यम से ही जन-समुदाय को सही मार्ग पर ले जाया जा सकता है। इस सम्मेलन में सभी धर्म के अनुयायी सम्मिलित हुए।

पूर्णाहुति के अवसर पर लगभग 30 हजार लोगों ने राष्ट्रीय एकता की शपथ ली, व मिशन को अग्रगामी बनाने के लिए समयदान व अंशदान के संकल्प लिए।

सुल्तान पुर (उ. प्र.) “ गिरजा गिरे न मस्जिद टूटे” के उद्घोष के साथ सम्पन्न 208 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ ने सभी अनुयायियों को मानवता की रक्षा के लिए एक जुट होने के लिए संकल्पित किया।

खुर्शीद क्लब मैदान पर लगातार चार दिनों तक उमंग और उल्लास का अद्भुत दृश्य उपस्थित रहा। सर्वधर्म सम्मेलन में संत जगदीश सिंह ईसार अहमद तथा फादर अल्फ्रेड ने अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रज्ञा अभियान को दैवी अभियान बताया जिसने ध्वंस की वर्तमान परिस्थितियों से मानव जाति को बचाने के लिए विश्व व्यापी अभियान योजनाबद्ध रूप से चलाया है।

इन पुनीत आयोजन में जन सामान्य की तो भीड़ लगी ही रही साथ ही जिला न्यायालय डी.आर.सिंह तथा राजा साहब सिंगरामऊ कुँवर श्रीपाल सिंह जी ने भी यथा सम्भव अधिकाधिक समय तक उपस्थित रहकर जन समुदाय को इस पुनीत कार्य में सम्मिलित होने के लिए प्रेरित किया।

समापन समारोह के अवसर पर अग्नि को साक्षी मानकर ईर्ष्या, द्वेष तथा भेदभाव जैसी मानवीय कमजोरियों को दूर रखने की सभी ने शपथ ली।

भोपाल (म.प्र.) प्रदेश की राजधानी का कार्यक्रम अपने गौरव के अनुरूप वृहद में सम्पन्न हुआ। इस आयोजन ने समूचे क्षेत्र में युग चेतना का संचार किया। इस आयोजन में सम्मिलित होने के लिए समीपवर्ती उज्जैन इन्दौर, खण्डवा, विदिशा, रायसेन तथा सीहोर जिलों से हजारों की संख्या में कार्यकर्ता सम्मिलित हुए।

सम्मेलन का उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री सरदार तनवंत सिंह कीर ने किया। उद्घाटन के अवसर पर अन्य कोई साँसद व विधायक उपस्थित रहे। मंच के सामने लगे वैनर “गिरजा गिरे न मस्जिद टूटे, वह मन्दिर निर्माण करें” ने हर धर्म सम्प्रदाय के लोगों का ध्यान आकर्षित किया।

पूर्णाहुति के अवसर पर रक्तदान व नेत्रदान का आयोजन भी किया गया, जिससे सैकड़ों लोगों ने उत्साहपूर्वक रक्तदान व नेत्रदान किया।

इस त्रिदिवसीय सम्मेलन में शिक्षा मंत्री, वित्तमंत्री, विधान सभा अध्यक्ष के अतिरिक्त स्वयं मुख्य मंत्री भी समय-समय पर उपस्थित रहे। सभी ने अपने उद्बोधन में राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता पर जोर देते हुए इस मिशन को मानवता की रक्षा करने वला एक सफल अभियान बताया।

महायज्ञ आरम्भ हो गया, आज नवल निर्माण का

जोधपुर (राज.) महावीर क्रीड़ा स्थल में सम्पन्न हुए विशाल 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ ने समूचे क्षेत्र को राष्ट्रीय एकता की भावना से आविर्भूत कर दिया।

राष्ट्रीय एकता सम्मेलन व सर्व धर्म प्रार्थना की अध्यक्षता पूर्व न्यायमूर्ति कान सिंह परिहार ने की। इसमें प्रो. जी. एस. ग्रोवर एवं शहर खनीब पेश इमाम मोहम्मद अय्यूब ने प्रज्ञा अभियान के कार्यक्रमों की सराहना करते हुए सभी धर्म के अनुयायियों को कंधे से कंधा मिलाकर इस पुनीत कार्यक्रम में सम्मिलित होने की प्रेरणा दी।

समारोह में पंचायत राज एवं काल राहत राज्यमंत्री दामोदर दास आचार्य एवं खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री श्री छोगाराम बाकोलिया ने विश्व शान्ति के लिए संलग्न इस अभियान के जन्मदाता पं. श्रीराम शर्मा आचार्य के संदेश को फैलाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उपस्थित जन-समुदाय ने अग्नि की साक्षी में इस संकल्प को दोहराया।

गुरसराय (झाँसी म. प्र.) बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सम्पन्न यह आयोजन अपनी ऐतिहासिक दाप छोड़ गया। समीपवर्ती क्षेत्र के लगभग 200 कार्यकर्ता आयोजन की पूर्व व्यवस्था में संलग्न रहे। शोभायात्रा में ट्रैक्टरों, घोड़ों तथा कीर्तन मण्डलियों के साथ जन-समुदाय की अपार भीड़ साथ चलने देख दर्शक मंत्रमुग्ध रह गये।

आयोजन में राष्ट्रीय एकता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए राज्य वित्त मंत्री श्री ओम् प्रकाश रिछारिया ने मिशन की भूरि- भूरि प्रशंसा की व शान्ति - कुँज दर्शन की भी इच्छा व्यक्त की।

आयोजन स्थल पर मेला जैसा दृश्य उपस्थित था। कार्यक्रम से प्रभावित होकर कार्यकर्ता पूर्णाहुति के अवसर पर अपने संपर्क क्षेत्र में नियमित संपर्क बनाने का संकल्प लेकर गए।

कुम्हरौआ, भिण्ड (म.प्र.) चौबीस कुण्डीय गायत्री महायज्ञ एवं राष्ट्रीय एकता सम्मेलन श्रद्धापूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ। इस आयोजन में विभिन्न धर्मों के विद्वानों ने अपने-अपने विचार व्यक्त करते हुए अलगाववाद की भर्त्सना की साथ ही राष्ट्रीय एकता के लिए संलग्न इस अभियान में सहयोग करने का आह्वान किया।

समारोह में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री वालेन्दु शुक्ल ने सच्चे धर्म की व्याख्या करते हुए विज्ञान और अध्यात्म के समन्वय में संलग्न ब्रह्मवर्चस् का परिचय दिया।

पूर्णाहुति के अवसर पर हजारों नर-नारियों ने महायज्ञ की अग्नि की साक्षी में इस अभियान के कार्यक्रम की अभूतपूर्व सफलता में सभी को पूज्य गुरुदेव की सूक्ष्म उपस्थिति एवं विराट् रूप की अनुभूति हुई।

सारसा (गुजरात) प्रारम्भ से ही यहाँ के 208 कुण्डी महायज्ञ में जन सहयोग उमड़ पड़ा। युवा वर्ग ने यज्ञ क्षेत्र की सफाई कुण्ड निर्माण सज्जा आदि अधिकाँश कार्य उत्साहपूर्वक श्रमदान से पूरे किए। शोभा यात्रा आदि अधिकाँश कार्य उत्साहपूर्वक श्रमदान से पूरे किए। शोभा यात्रा में भारत के नक्शे तिरंगे झंडे सहित सभी धर्मों के प्रतिनिधि अपनी परम्परागत पोशाक में शामिल हुए। ग्रामीण क्षेत्र से 70-80 ट्रैक्टर कीर्तन मण्डलियाँ, विभिन्न धर्मों के सद्भाव परक चित्रों-झाँकियों से युक्त जुलूस यहाँ के इतिहास में अद्वितीय था।

राष्ट्रीय एकता सम्मेलन में केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री योगेन्द्र मकवाना भी सम्मिलित हुए। युग निर्माण मिशन के क्रिया-कलापों पर उनके उद्गार जनता ने बहुत सराहे। पारसी धर्म के चीफ प्रीस्ट होमी अरदेसार जी गुजरात अकाली दल के प्रमुख श्री करतार सिंह, जमायते इस्लामी के प्रधान मौलाना नकवअली, फादर फ्राँसिस मेन्डोन्सा सभी ने इस धारा में अनेक उद्गार जोड़े। हजारों की संख्या में जनता प्रवचनों के श्रवण के लिए समय पर जुटती रही।

यज्ञ के लिए आम जनता उत्साह नियंत्रण के बाहर हो रहा था। पूरे दिन शाम 5 बजे तक यज्ञ चलता ही रहा। परिक्रमा लगाते रहे।

समापन समारोह में सहकारिता एवं आबकारी मंत्री श्री अमर सिंह बाघेला पधारे। यज्ञ देव दक्षिणा में नशा आदि दुर्व्यसन छोड़ने के संकल्पों की परम्परा को उन्होंने बहुत सूक्ष्मीकरण साधना का विराट् स्वरूप प्रत्यक्ष देखने को मिल रहा है।

कोटा (राज.) विज्ञान नगर स्थित गायत्री शक्तिपीठ के प्राँगण में 108 कुण्डीय यज्ञ एवं राष्ट्रीय एकता सम्मेलन सम्पन्न हुआ। सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए आयुर्वेद राज्य मंत्री श्रीराम किशन वर्मा ने मातृ भावना के विस्तार के इस प्रयास को युग की एक बड़ी आवश्यकता बतलाया।

जनता ने विद्वेष निवारण करके आत्मीयता स्थापना के लिए युग पुरुष पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के संदेश बड़े ध्यान से सुने और हृदयंगम किए। समारोह की अध्यक्षता करते हुए अकाल राहत राज्य मंत्री श्री दामोदर दास आचार्य ने कहा कि जब अन्य देश विनाशक हथियारों की होड़ में शामिल हो रहे है, तो भार को विश्व शान्ति के लिए अग्रणी बनना ही होगा।

साँसद श्री शान्ति लाल धरीवाल ने कहा कि युगपुरुष आचार्य जी के संकल्प कभी अधूरे नहीं रहे हैं। उनके द्वारा राष्ट्रीय एकता का अभियान हाथ में लिया जाना बड़ा ही उत्साहवर्धक शुभ प्रकरण है। आस-पास के क्षेत्रों के कार्यकर्त्ताओं और उत्साही जनता ने सारे क्षेत्र को युग संदेश से लाभान्वित करने के लिए जनसंपर्क करने के संकल्प लिए।

इन यज्ञायोजनों के विराट् स्वरूप, जन साधारण का उत्साह, दुष्प्रवृत्ति उन्मूलन के लिए की गयी प्रतिज्ञाएँ एवं सभी धर्म-सम्प्रदायों का सहयोगी सहकार यह दर्शाता है कि जन जागरण से व्यापक विचार क्राँति का बीड़ा जो मिशन के सूत्रधार ने अपने हाथ में लिया था, वह अपने पूर्ण यौवन पर है, अब युग परिवर्तन दूर नहीं है।


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