Quotation

March 1987

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

चाकू कितने ही अच्छे लोहे का बना क्यों न हो, उसकी धार बनाने के लिए पत्थर पर रगड़ना आवश्यक है। स्वाध्याय ऐसा ही पत्थर है, जिसके संपर्क में निरंतर रहना ही चाहिए।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles