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December 1972

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बहुत से व्यक्ति कम योग्यता रहते हुए भी बहुत काम कर डालते हैं, और बड़ी सफलता प्राप्त करते हैं, इसका एकमात्र कारण होता है- सन्तुलित मस्तिष्क, निश्चित कार्यक्रम और व्यवस्थित क्रिया पद्धति।

-स्वेड मार्डिन

परा मनोविज्ञानी हैराल्ड कहते हैं स्वप्न में ही नहीं, अपितु जागृत स्थिति में भी कई बार बिल्कुल सही पूर्वाभास होते पाये गये हैं जिनका सामयिक परिस्थितियों से कोई सीधा सम्बन्ध नहीं था। उन्होंने फ्राँसीसी उड्डयन संस्थान में काम करने वाले एक यान चालक की विमान दुर्घटना में मृत्यु होने का उल्लेख किया है और बताया है कि ठीक दुर्घटना के समय ही रास्ता चलती उनकी एक मात्र बहिन को यह अनुभव हुआ था कि अभी अभी उनका भाई वायुयान दुर्घटना में मरा है। दूसरे दिन ठीक वैसा ही समाचार भी उसे मिल गया। इस प्रकार के प्रसंगों में व्यक्तियों की पारस्परिक आत्मीयता की सघनता का बहुत हाथ रहता है।

मनःशास्त्री हेनब्रुक ने अपनी शोधों में इस बात का उल्लेख किया है कि अतीन्द्रिय क्षमता पुरुषों की अपेक्षा नारियों में कहीं अधिक होती है। दिव्य अनुभूतियों की अधिकता उन्हें ही क्यों मिलती इसका कारण वे नारी स्वभाव में कोमलता, सहृदयता जैसे सौम्य गुणों के आधिक्य को ही महत्व देते हैं। उनकी दृष्टि में अध्यात्म क्षेत्र नारी को अपनी प्रकृति प्रदत्त विशेषताओं के कारण सहज ही अधिक सफलता मिलती रहती है।

बीज रूप में यह अलौकिक एवं अतीन्द्रिय क्षमता हर किसी में मौजूद है और यह सम्भावना हर किसी के सामने खुली पड़ी है कि उस दिव्य शक्ति को प्रयत्न पूर्वक विकसित करके न केवल अपना किन्तु दूसरों का भी भला कर सके।


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