शिखा भारतीय धर्म की ध्वजा है, जो मस्तक रूपी किले के ऊपर हर भारतीय संस्कृति प्रेमी को फहराते रहनीचाहिये ।। इसे गायत्री का प्रतीक भी माना गया है ।। मस्तिष्क सद्विचारों का केन्द्र है ।। इसमें देव भाव ही प्रवेशकरने पाएँ ।। भावना करें कि सांस्कृतिक ध्वजा को धारण करने योग्य प्रखरता, तेजस्विता का विकास हो रहा है।।
दाहिने हाथ की अँगुलियों को गीला कर शिखा स्थान का स्पर्श करें ।। मन्त्र बोलने के बाद शिखा में गाँठ लगाएँ।। जिनके संयोगवश शिखा नहीं है, ऐसे व्यक्ति तथा महिलाएँ उस स्थान को भावनापूर्वक स्पर्श करें ।।
ॐ चिद्रूपिणि महामाये, दिव्यतेजः समन्विते ।।
तिष्ठ देवि शिखामध्ये, तेजोवृद्धिं कुरुष्व मे॥ -सं.प्र.