Quotation

February 2003

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धागे में गाँठ लगी हो, तो वह सुई के छेद में नहीं घुस सकता और उससे सिलाई नहीं हो सकती। मन में स्वार्थ भरी संकीर्णता की गाँठ लगी हो, तो वह ईश्वर में नहीं लग सकता और जीवन लक्ष्य प्राप्त नहीं कर सकता।


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