पाप प्रकट करने में लज्जा (Kahani)

March 2001

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एक चोर संत नानक के पास पहुँचा और इस बुरी आदत से छुटकारा पाने का उपाय पूछा। नानक ने जो उपाय बताए, वे उससे निभते नही थे। किसी प्रकार भी वह आदत न छूटी, तो उन्होंने चोर को बताया कि तुम अपने पाप सबके सामने प्रकट करने लगो। चोर को पाप प्रकट करने में लज्जा लगती थी, सो उसने चोरी करना ही बंद कर दिया।


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