ऋषि पुलस्त्य से उनके आश्रमवासियों ने पूछा, “रावण आपका नाती है, स्वयं भी शिव भक्त तथा विद्वान् है, फिर भी दुष्टता क्यों बरतता है?”
ऋषि बोले, “उसे सोने की लंका बनाने का शौक जो लगा है। बिना शोषण के इतना धन जुटाता कैसे? यह लिप्सा ही दुष्टता की जननी है।”