अरबों-खरबों का दान (kahani)

July 2001

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

छोटे-से घर में जन्म लेकर संपन्नता की पराकाष्ठा तक पहुँचने पर भी महापुरुष कभी बदलते नहीं। हेनरी फोर्ड अमेरिका के एक छोटे-से ग्राम ग्रीनफील्ड में जन्मे। घर की आर्थिक स्थिति खराब होने से उन्हें बारह वर्ष की आयु से ही नौकरी करनी पडीं, रात में पढ़ाई और दिन में मशीनों काे बनाना, सुधारना, इस प्रकार उनकी पूरी दिनचर्या उद्देश्यपूर्ण कार्यों में लग गई।

लगन की प्रचंड शक्ति ने हेनरी को स्वावलंबी, इंजीनियर एवं मैकेनिक बना दिया। उसने कई तरह की मशीनों को बनाया और सुधारा। उसकी लगन उसे इस दिशा में निपूण बनाती रही। फोर्ड ने मोटर बनाने का नया कार्य हाथ में लिया और वह बिगड़ते-सुधरते सफलता के स्तर तक पहुँच गया। उसने जलयान भी बनाए।

अमेरिका में हेनरी फोर्ड का कारखाना प्रथम श्रेणी का है। उसमें हजारों व्यक्ति काम करते हैं। श्रमिकों की सुविधा का उसमें पूरा ध्यान रखा जाता है। फोर्ड ने जो कमाया, उसका अधिकाँश भाग जनकल्याण के कार्यों के लिए दान किया। उसके दान में किसी देश-जाति का कोई भेदभाव नहीं रखा गया। फोर्ड फाउंडेशन द्वारा अनेकों परमार्थ कार्य चलते हैं, जो अब तक अरबों-खरबों का दान कर चुका है।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles






Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118