पुरुषार्थ में लगा रहना (kahani)

June 1990

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एक मच्छर मधुमक्खियों के छत्ते के पास गया। रानी मक्खी तक खबर पहुँचाई कि एक संगीत मास्टर आये हैं वे आपके बच्चों को संगीत पढ़ाना चाहते हैं।

रानी मक्खी ने पुछवाया कि वे क्यों ऐसी अहैतुकी कृपा करना चाहते हैं

मच्छर ने कहा बदले में थोड़ा सा शहद मिल जाया करे तो बहुत है।

इस पर रानी मक्खी ने स्पष्ट इनकार कर दिया और कहा जिस संगीत को सीख कर वे हमारे यहाँ भीख माँगने आये हैं उसे हम अपने बच्चों को नहीं सिखा सकते। हम लोगों को तो निरन्तर पुरुषार्थ में लगा रहना ही प्रिय है।


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