ऊँट नदी के उस पार हो गया। इस पार खड़े गधे ने पूछा— "पानी कितना है?" ऊँट ने कहा पेट तक। बेखटके चले आओ।
गधे ने कहा— "पर मेरी तो पीठ पर से उतर जाएगा और डुबे बिना न रहूँगा। आपकी नकल में कैसे करूं? मुझे तो अपनी हैसियत देखकर चलना है।"