गेटे जर्मनी का एक बहुत बड़ा नाटककार हुआ है। वह अपने कार्य में इतना रम गया था कि अपने आपको इस विश्वनाटक का एक पात्र ही अनुभव करने लगा था।
मरते समय उसके चेहरे पर बच्चों जैसी मुस्कराहट थी। अंतिम सांस छोड़ते हुए उसने जोर से ताली बजाई और उपस्थित लोगों को उंगली के इशारे से बताया— “लो अब परदा गिरता है और एक बढ़िया नाटक का अंत होता है।”