कर्तव्य भावना (kahani)

April 1986

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आस्ट्रेलिया का महा न्यायवाद अलफ्रंड डीकान लम्बी अवधि तक उस महत्वपूर्ण पद पर रहा। उसके प्रति राजा और प्रजा में असाधारण श्रद्धा थी। उसे तीन बार उस देश का प्रधान मन्त्री बनाया गया। इस आग्रह को उसने कर्तव्य समझ कर स्वीकार किया। तीन बार वह इस नियुक्ति को अस्वीकार भी कर चुक था। पर जब काम सिर पर आ ही गया तो उसे भी महा न्यायवादी स्तर पर ही सम्भालता रहा।

अपने कर्तव्य को निभाने से कभी पीछे नही हटना चाहिए|


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