कोस्टारिका के पोआस ज्वालामुखी से लावा नहीं गर्म पानी निकलता है। यह 37 एकड़ में फैला हुआ है और 1000 फुट गहरा है। इससे जो फुहारा (गीजर) बनता है वह 350 फुट तक ऊँचा उठता है।
सबसे बड़ा हिमाच्छादित भूखण्ड ग्रीन लैण्ड है। इसका क्षेत्रफल 21,75,000 किलोमीटर है। वर्नकोट तट पर ज्वारों का उठान 48 फुट ऊँचाई तक जा पहुँचता है। चीन की नदी (हंगा चाँउ फे) में 25 फुट तक के ज्वार-भाटे उठते रहते हैं।
कनाडा के एक जंगल में भयंकर आग लगने से गंधक ऊपर पहुँचा और चन्द्रमा नीला हो गया। स्टाक होम में एक ज्वालामुखी फूटने पर चंद्रमा हरा दीखने लगा था। ऐसा 15 दिन तक चला।
कवीन का सिंग नाईंग चूर नामक एक ऐसा स्थान है, जहाँ प्रातःकाल हमेशा छाये रहने वाले घने कुहासे के कारण उगते हुए पाँच सूर्य दिखाई देते हैं।
उल्कापात की एक इतिहास प्रसिद्ध घटना है, 13 नवम्बर 1833 की। उस रात को उत्तरी अमेरिका के आसमान से लगभग 5 लाख जलती उल्काओं की वर्षा हुई। पर वे सभी जमीन में आने से पूर्व ही आयन मण्डल में जल गई थीं, इसलिए इस भयानक अग्नि वर्षा से किसी को कोई क्षति नहीं हुई। ज्ञातव्य है कि प्रति मिनट दो करोड़ उल्काएं पृथ्वी के कवच ओजोनोस्फियर पर गिरती रहती हैं, पर यह आच्छादन सुरक्षा प्रदान कर उन्हें बाहर धकेल देता है।
मनुष्य व अन्य जीवधारियों सम्बन्धी अचम्भे भी कम नहीं है। माइकल नामक एक आयरिश कुत्ते ने नाटकों में 1250 बार अभिनय किया और वह सारे संसार में प्रख्यात हुआ।
इसे लास ऐन्जिल्स के एक कसाई खाने में मरने से एक दिन पूर्व एक डालर में नाटक वालों ने खरीदा था।
नार्वे में जन्मा स्टेबेगर 146 जीवित रहा। रूस में 120 से लेकर 150 वर्ष तक जीने वालों की संख्या के 100 से अधिक व्यक्ति गिने गये हैं। विशेषकर कजाकिस्तान, ताशकंद इलाके में।
डेनमार्क में एक चितकबरे साँड़ के वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान द्वारा 1 लाख बच्चे उत्पन्न किये गये।
फ्राँसीसी लेखक विक्टर ह्यूगो ने अपना एक छोटी जाति का कुत्ता बैरोन अपने रूसी मित्र को उपहार में दे दिया। वह चला तो गया। पर नये स्थान से दूसरे ही दिन पुराने मालिक के पास चल पड़ा। उसने 3 महीने में 1500 मील की यात्रा की और फिर विक्टर ह्यूगो के पास आ गया।
सृष्टा की यह दुनिया अजीब है और अजीब ही इसके खेल हैं। ये प्रसंग ऐसे हैं जिनका कोई वैज्ञानिक समाधान किसी के पास नहीं है।