VigyapanSuchana

December 1999

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महत्वपूर्ण ज्ञातव्य

परमपूज्य गुरुदेव रचित साहित्य के महत्वपूर्ण अंशों-विशेष रूप से क्रान्तिधर्मी साहित्य व गायत्री उपासना के सभी प्रारंभिक साहित्य का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद करने की आवश्यकता तुरंत अनुभव की जा रही है। भारत की सभी भाषाओं सहित, विदेश की फ्रेंच-जर्मन-स्पेनिश-रशियन-जापान-इंग्लिश इन छह भाषाओं में अनुवाद होना व प्रकाशित होना है, ताकि महापूर्णाहुति वर्ष में यह क्राँतिकारी चिंतन जन-जन तक पहुँच सके। जिन परिजनों के अनुवाद को-एम्बेसी-कल्चरल सेंटर आदि स्तर पर संपर्क हों, वे ‘महापूर्णाहुति प्रकोष्ठ ‘ शान्तिकुञ्ज हरिद्वार से तुरंत संपर्क करें।


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