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December 1999

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तकनीकी प्रगति के आज के आधुनिक युग में प्रबंध व्यवस्था का भी आधुनिकीकरण हो गया है। औरों को अपने मार्गदर्शन में लेकर उनका प्रबंध (मैनेजमेण्ट) करने के पूर्व यह अत्यंत जरूरी है कि हम अपने आपको प्रभावी ढंग से प्रबंधित-सुव्यवस्थित करना सीख लें। परमपूज्य गुरुदेव ने 1989 में इस विषय पर दो पुस्तकें लिखी थीं ‘सभ्यता का शुभारंभ’ एवं ‘व्यवस्था बुद्धि की गरिमा।’ प्रस्तुत लेख में प्रख्यात लेखक स्टीफन कोवी के दिशा-दर्शन सिद्धांतों को परमपूज्य गुरुदेव के चिंतन के परिप्रेक्ष्य में युग नेतृत्व हेतु एक मार्गदर्शन है।


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