गाय सूखा भूसा अनमने मन से खाती। रुचिकर न लगने से वह प्रायः भूखी रहती।
चतुर मालिक ने एक तरकीब निकाली। उसने हरे रंग की एक प्लास्टिक की पट्टी उसकी आँखों पर लपेट दी। गाय को सब कुछ हरा दिखने लगा। भूसे को वह घास समझने लगी और रुचिपूर्वक खाने लगी। दृष्टिकोण विकृत हो जाने पर सामान्यजन भी हेय को भी श्रेय समझने और अपनाने लगते हैं।