पृथ्वी ने सूरज से कहा— "आप दिनमान घटाते-बढ़ाते रहते हैं। स्थिर क्यों नहीं रहते ?”
सूरज ने कहा— "तुम्हीं चैन से नहीं बैठती। नाचती और दौड़ती रहती हो। फिर ऐसी दशा में स्थिरता किस प्रकार रह सके।”