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Akhand Jyoti
Year 1989
Version 2
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November 1989
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जीवन का आनंद अन्तरात्मा का संगीत सुनने में समाया हुआ है।
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Page Titles
क्षुद्रता अपनाने से हानि ही हानि!
जब जाग उठी अंतः की संवेदना
भूल को सुधारने का ठीक यही समय!
चित की चंचलता (kahani)
यदि आसक्ति छूट जाय तो?
दैवी चेतना का प्रभावी प्रचण्ड प्रवाह
हारीबाजी पलट गयी (kahani)
कहीं मनुष्य यंत्र मानव न बन जाय!
क्या है आपकी उम्र?
सब धर्मों में एक ही है, उस परम सत्ता का स्वरूप!
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दो प्रचण्ड शक्तियों का समन्वय
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त्रिविध आधारों को अपनायें, प्रतिभाशाली बनें!
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परोक्ष जगत से उतरते दिव्य संकेत
जिजीविषा की अजेय चमत्कारी सामर्थ्य
अन्तरंग त्राटक की महान महत्ता
दैवी कृपा का प्रवाह (kahani)
महाक्रान्ति सुनिश्चित एवं अतिनिकट
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छोटी छोटी बातों की जीवन में महत्ता
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आनन्द और उल्लास का अजस्र निर्झर
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अतीन्द्रिय क्षमता कोरी करामात नहीं
न सोचो अकेली किरण क्या करेगी?
उच्चस्तरीय रहस्यमय प्राणतत्व
परमात्मा की खोज (kahani)
आवेशों को हावी न होने दें!
अनन्त संभावनाओं का स्त्रोत- मानवी मन
एक और अंगुलिमाल
भावी पीढ़ी चरित्रवानों की होगी
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संगीत द्वार काया एवं मन का उपचार
व्यक्ति को माध्यम बनाती है समष्टि सत्ता
अशान्ति के क्षणों में शान्ति का आह्वान
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अदृश्य के गर्भ में छिपी अलौकिकताएँ
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विलक्षण, अद्भुत प्रेम का रसायन शास्त्र
आइए उजले-उजले संकल्प करें
मन की निर्द्वन्द और निश्चिन्त स्थिति
एक क्षण भी व्यर्थ नहीं खोना (kahani)
महाकाल की आशाऐं (kavita)
यदि चले नहीं तो (kavita)
जीवन-गीत (kavita)
फूलों की पावनता (kavita)
स्वप्न एक वैज्ञानिक सत्य!
एक-एक पल का असाधारण महत्व
नयी श्रद्धा (kahani)
ईश प्रार्थना में निहित चुम्बकीय शक्ति
आइये मानवता के ट्रस्टी बनें
प्रकृति में दृश्यमान सहयोग-सहकार भरा सद्भाव
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प्रतिभाएँ औरों के लिए जीती हैं।
लोक सेवा के निमित्त संघबद्ध प्रयास
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
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