सद्विचार

December 1989

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

प्रसन्नता पुरस्कार नहीं, वरन सही ढंग से सोचने की आदत का परिणाम है। इसी प्रकार दुःख कोई दंड नहीं है, वरन गलत ढंग से सोचने की सहज प्रतिक्रिया है।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles