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November 1987

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परिश्रम से शरीर बलिष्ठ होता है। इस सिद्धान्त पर विश्वास करके श्रमिक और पहलवान दोनों ही मेहनत करने लगे।

श्रमिक आठ घण्टे मेहनत करता, फिर भी दुबला होने लगा। पहलवान तीन घण्टे कसरत करता पर मोटा हो चला।

आश्चर्य का निराकरण करते हुए स्वास्थ्य विज्ञानी ने कहा भार समझकर किया गया काम भारी पड़ता और थकाता है जब कि आशा और विश्वास के साथ प्रसन्न मन से किया गया परिश्रम बल बढ़ाता और सुफल देता है।


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