Quotation

November 1987

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सेवाधर्म अपनाने में जितना दूसरे का भला होता है, उससे अधिक लाभ अपने का मिलता है। व्यक्तित्व की गरिमा भावना की कोमलता सहानुभूति तो प्रत्यक्ष लाभ है, जो मनुष्य को ऊँचा उठाते आगे बढ़ाते हैं। इससे भी बड़ा लाभ है आन्तरिक संतोष और उल्लास जिसकी तुलना किसी भी उपलब्धि से नहीं की जा सकती


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