अमरत्व का शैशवकाल-जीवन

July 1988

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जीवन क्या है? श्रुति कहती है कि जीवन के स्वरूप को समझा जाना चाहिए और उससे जुड़े तथ्यों को स्वीकार किया जाना चाहिए, चाहे वे कितने ही अप्रिय क्यों न प्रतीत होते हों? जीवन एक चुनौती है, एक संग्राम है, एक जोखिम है एवं उसे इसी रूप में अंगीकार करने के अतिरिक्त और चारा नहीं। जीवन ऐ रहस्य है, तिलिस्म है, भूल-भुलैया है, एक प्रकार का गोरखधंधा है। गंभीर पर्यवेक्षण के आधार पर ही उसकी तह तक पहुँचा जा सकता है। इसी आधार पर भ्रान्तियों के कारण उत्पन्न होने वाले खतरों से बचा जा सकता है। कर्त्तव्य के रूप में जीवन अत्यन्त भारी किन्तु अभिनेता की तरह हँसने-हँसाने वाला हल्का-फुलका रंगमंच भी है।

जीवन एक गीत है, जिसे पंचम स्वर में गाया जा सकता है। जीवन एक स्वप्न है, जिसमें स्वयं को खोया जा सके तो भरपूर आनंद का रसास्वादन किया जा सकता है। जीवन अवसर है, जिसे गँवा देने पर सब कुछ हाथ से गुम हो जाता है। जीवन एक प्रतिज्ञा है, यात्रा 8है, जीने की एक कला है। कैसे इसे सफल बनाया जा सता है, जिसने यह जान लिया, इस पर मनन कर लिया, 1?व651 समझ लेना चाहिए कि वही सच्चा पारखी, जौहरी एवं उपलब्धियों का सदुपयोग कर सकने वाला भाग्यशाली है। जीवन सौंदर्य है, जीवन प्रेम है, जीवन आनन्द है, वह सब कुछ है जो नियन्ता की इस सुविस्तृत सृष्टि में सर्वोत्तम कहा जा सकने योग्य है।


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