कलाओं का ज्ञाता (Kahani)

July 1988

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एक विद्वान अनेक विद्याओं और कलाओं का ज्ञाता था। पर उस वैभव के द्वारा जो कमाता उसे अपने लिए ही खर्च करता। उनके द्वारा किन्हीं दूसरों को लाभान्वित करने का विचार न उठता।


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