सांसारिक सुख जीवन को सरस एवं सर्वांगपूर्ण बनाए रखने की दृष्टि से उपयोगी हो सकते हैं, किंतु इनको ही जीवन-लक्ष्य मान लेना आत्मकल्याण के मार्ग की सबसे बड़ी बाधा है।
-परमपूज्य गुरुदेव